नमस्कार दोस्तों !
आज बात करेंगे कि मध्य प्रदेश के किसानों के लिए वर्तमान में पानी का कहर किस प्रकार से फसल को बर्बाद कर रहा है और किसान की सबसे बड़ी समस्या क्या है। क्या शिवराज सरकार के द्वारा बर्बाद हो रही फसल की भरपाई के लिए किसानों की कोई मदद की जाएगी या फिर इस साल किसान बर्बाद हो जाएंगे । आज की पोस्ट में प्रमुख रूप से बात करेंगे की किसानों का कितना नुकसान हुआ है और क्या मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा किसने की कोई मदद हो पाएगी।
मध्य प्रदेश में फसलों की ऐसी समस्या काफी सालों से चली जा रही है कई बार सरकार किसानों की मदद कर देती है और कई बार सरकार इस पर ध्यान ही नहीं देती।
किसानों ने शिवराज सरकार से लगाई गुहार–
मध्य प्रदेश के किसानों के द्वारा एमपी सरकार के लिए यह गुहार लगाई गई है कि उनकी आर्थिक मदद की जाए और उनको बर्बाद हुई फसल के लिए अनुदान के रूप में उनको कुछ सहायता प्रदान की जाए।
MP के किसानों के लिए सबसे बड़ा संकट –
वर्तमान समय में मध्य प्रदेश के किसानों के लिए सबसे बड़ा संकट पानी की समस्या है क्योंकि पानी इतना ज्यादा गिर रहा है कि फसलें बर्बाद हो चुके हैं और पानी इस समय गिर रहा है जब फसलों की कटाई हो रही है। मध्य प्रदेश के छोटे बड़े किसान सभी पानी की समस्या से जूझ रहे हैं कई किसानों की फसले खेत में ही बर्बाद हो चुकीं हैं और खेतों में पानी भर चुका है ।
क्या किसानों को मिलेगा मुआवजा–
मध्य प्रदेश के किसानों की फसले बर्बाद हो जाने के कारण उनको सरकार से काफी उम्मीद है कि उनको बर्बाद हुई फसल के लिए मुआवजा दिया जाएगा । अब मध्य प्रदेश सरकार की बारी है कि किसानों को वह कितनी आर्थिक सहायता प्रदान करती है । इस बारे में अभी नहीं कहा जा सकता कि शिवराज सरकार के द्वारा किसानों को कितनी आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी मगर इतना जरूर है कि किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान हो सकती है ।
कौन-कौन से इलाके पानी से हुए बर्बाद–
मध्य प्रदेश के लगभग आदि से ज्यादा जिले जहां पर फसले पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं पानी में फसले कटी हुई डूब चुकी हैं तो कुछ बिना कटी डूब चुकी हैं । मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा, खरगोन, खंडवा, जबलपुर और ऐसे कई इलाके जो नर्मदा नदी के किनारे हैं लगभग लगभग बर्बाद हो चुके हैं रीवा, पन्ना, सतना का इलाका भी कुछ बर्बाद हो चुका है ।
एमपी–छत्तीसगढ़ हुआ बर्बाद–
मध्य प्रदेश और उसका पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ दोनों वर्तमान में पानी से तरबतर हो चुके हैं यहां पर किसानों की फसले सड़ चुकी हैं खरीफ की सभी फसले धान के अलावा सब बर्बाद हो चुकीं हैं । सितंबर महीने की शुरुआत से ही पानी ने अपना कहर शुरू कर दिया था इसके कुछ समय बाद किसानों की फसले अपने चरम सीमा पर आ गई थी । किसानों को फसले काटने को तो ना मिली बल्कि पानी में पूरी सड़कर बर्बाद हो गई ।मध्य प्रदेश के साथ-साथ उसका पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ का भी यही हाल है वहां पर भी काफी मात्रा में पानी गिर चुका है और अभी न जाने कितना नुकसान हो सकता है । छत्तीसगढ़ की भूपेस सरकार के द्वारा वहां के किसानों को काफी आर्थिक मदद दी जा रही है अब बारी है मध्य प्रदेश की कि आखिर क्या शिवराज सरकार के द्वारा एमपी के किसानों के कोई आर्थिक मदद की जाएगी ।ऐसे में आपका सबसे बड़ा सवाल होगा कि आखिर शिवराज सरकार के द्वारा कौन सी मदद की जाएगी। तो दोस्तों शिवराज सरकार के द्वारा वैसे तो किसानों को किसान सम्मान निधि के द्वारा₹6000 की किस्त के द्वारा आर्थिक मदद प्रदान की जाती है । अगर वर्तमान की बात करें तो बर्बाद हुई फसलों के लिए शिवराज सरकार आर्थिक मदद के लिए अनुदान दे सकती है हालांकि इसकी कोई घोषणा अभी तक नहीं हुई है ।
मध्य प्रदेश बीते कुछ सालों से पानी की समस्या से जूझ रहा है खरीफ की फैसले काफी सालों से प्राप्त नहीं कर पा रहा जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति काफी खराब है।ऐसे में शिवराज सरकार से किसानों की पुकार है कि उनको आर्थिक अनुदान की सहायता प्रदान की जाए ।